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Monday, August 5, 2024

अरविन के न्याय के गुहार के लिए दलित समाज का धरणे आंदोलन




 अरविन के न्याय के गुहार के लिए दलित समाज का धरणे आंदोलन 

लातूर : (प्रतिनिधि):-पुराने एमआईडीसी परिसर में स्वामी विवेकानंद राजमाता जिजाऊ छात्रावास में कक्षा 7 में पढ़ने वाले अरविन खोपे नाम के 13 वर्षीय लड़के की संदिग्ध मौत के मामले में सबूत नष्ट करने का प्रयास करने का मामला दर्ज किया गया है। पूर्व विधायक शिवाजी पाटिल कावेकर की अध्यक्षता वाले जयक्रांति शिक्षण प्रसारक मंडल (जेएसपीएम) द्वारा संचालित, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और अदालत ने उन्हें 5 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। सोमवार को उसे पुलिस हिरासत में लिया गया। 5 अगस्त को समय सीमा समाप्त होने के कारण एमएडीसी पुलिस आज उन्हें फिर से कोर्ट के सामने पेश कर अपना पक्ष रखेगी और इन पांच दिनों की हिरासत के दौरान इस मामले में क्या-क्या खुलासा हुआ उसकी तस्वीर भी सामने आएगी.

जेएसपीएम संचलित के पुराने एमआईडीसी क्षेत्र में स्थित स्वामी विवेकानन्द राजमाता जिजाऊ छात्रावास में मंगलवार को नाबालिग अरविन खोपे की संदिग्ध मौत हो गई। घटना 29 जुलाई की रात की है. इस मामले में केस दर्ज कराने वाले हॉस्टल मैनेजर विट्ठल सूर्यवंशी और विनायक टेकाले पर अरविंद की मौत के सबूत मिटाने का आरोप लगाया गया है. कोर्ट ने इन आरोपियों को रिहा कर दिया. उन्हें 5 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। क्या उन्होंने किसी की सलाह या निर्देश पर इस पुलिस हिरासत में सबूत नष्ट करने की कोशिश की? पता चला कि पुलिस इसकी जांच कर रही है.इसमें आगे की जानकारी इस प्रकार है की 31/7/2024 तक जांच के मुताबीक अरविन राजेभाऊ खोपे यह 13 साल का बालक है और वह इसी हॉस्टेल में रहता है उसका रिश्तेदारों को लगता है की उस बालक की आत्महत्या न होकर खून हुवा है इसलिए लातूर गुरनं. 496/2024 कलम 106(1),238,3(5) बीएनएस-2023 के तहत एमआयडीसी में गुन्हा नोंदकर उसका तपास निरीक्षक सचिन द्रोणाचार्य कर हैं और आरोपी 1 विनायक गोंविंदराव टेकाळे, आरोपी 2 विठ्ठल श्रिधर सुर्यवंशी यह दोनो मराठा जातीचे सबंधित होने के कारण उन्होंने अनुसूचित जाती पर अन्याय हुवा ऐसा लगने की वजह से अधिनियम -1989 के कलम 3(1)(एस),3(2)(व्हि) इस तरह के मा.पोनि.सो. इनके आदेश पर बढाए गए है और यह तपास यह मा.उपविभागीय पोलिस अधिकारी लातूर शहर इनके ओर दिया गया है. इस घटना दलित समाज की ओर से निषेध कर आरोपियों को तुरंत कार्यवाही हो इसलिए 6/7/2024 को गांधी चौक में धरणे आंदोलन रख्खा गया है. दलित समाज का कहना है की इस आरोप में संस्थाचालक भी शामील है इसलिए उसको भी हिरासत में लेकर उसपर भी कार्यवाही करनी चाहिए जब तक आरोपियों पर कडक कार्यवाही नहीं होती तब तक दलित समाज खामोश नहीं बैठेगा .




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